सरकार द्वारा अन्य किस्मों के बाद अब बासमती चावल पर लगाया गया निर्यात पर प्रतिबंध।
हाल ही में एल्निनो के प्रभाव को देखते हुए, उबले चावल, नॉन बासमती एवम् अन्य किस्मों पर निर्यात बेन लगाया था। परंतु इस बार शर्त पर बासमती चावल पर भी निर्यात प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैंसला लिया गया है। सरकार द्वारा इस बारे आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
Export ban imposed on basmati rice। बासमती चावल पर निर्यात प्रतिबंध लगाया
निर्यात प्रतिबंध के नियम के अनुसार $1200 टन से अधिक मूल्य के चावल का निर्यात करने की छूट होगी। आरोप लगाते हुए व्यापारियों का कहना है कि नया मूल्य प्रभावी होने पर न्यूनतम प्रीमियम बासमती निर्यात मूल्य निर्धारित करता है। बताते चलें कि प्रीमियम बासमती चावल की एक निर्यात की जानें वाली प्रमुख किस्म है। जो अधिकतर निर्यात की जाति है।
कमर्शियल विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि साल 2022-23 में प्रीमियम बासमती चावल का निर्यात भारत ने मात्रा में 45.6 लाख टन एवम् कीमत में 4.8 लाख अरब डॉलर का किया गया। महिने के शुरुवात यानि 8 अगस्त को सरकार द्वारा चावल का आरक्षित मूल्य 31 रुपए से घटाकर 29 रूपए प्रति किलो कर दिया गया था।
सरकार द्वारा इससे पहले 20 जुलाई को नॉन बासमती सफेद चावल पर भी निर्यात प्रतिबंध लगा चुकी है, बढ़ते खुदरा मूल्य एवम् त्योहारी सीजन में सरकार द्वारा स्प्लाई बढ़ाने हेतु कदम उठा रही है, दूसरी और टूटे चावल पर सितंबर माह में प्रतिबंध लगा चुकी है।
मौसम में असमान परिवर्तन एवम् घरेलू बाजारों की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार खाद्य भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर विचार कर रही है, दुसरी ओर प्रशांत महासागर में असामान्य तापमान सीएम अल नीनो के प्रभाव को भी ध्यान में रखकर सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं ताकी खाद्य संकट से बचा जा सके।